म्यूचुअल फंड सही है? समझै Mutual Fund का फंडा

म्युचुअल फंड सही है। एक ऐसा विज्ञापन आपने देखा ही होगा। या आपने किसी व्यक्ति से इस बारे मे सुना होगा। जिसमें इस बात पर जोर किया जाता है की म्युचुअल फंड सही है। तो क्या म्युचुअल फंड सही है? और इससे भी महत्वपूर्ण प्रश्न कि आखिर म्युचुअल फंड है क्या? और क्या आप भी म्युचुअल फंड में निवेश करना चाहते? जैसे अनेकों सवाल है इसे लेकर। तो आइए आज के इस लेख मे समझते है म्युचुअल फंड का फंडा।


म्युचुअल फंड कोई नया नही है। यह सालों पहले से बाजार में है। हाँ लेकिन यह कहा जा सकता है कि पिछले कुछ सालों मे इसकी लोकप्रियता मे वृद्धि हुई है। यही कारण है कि हर कोई इसके बारे मे जानना चाहता है। कि कैसे म्युचुअल फंड लाभ पहुंचाता है। इसकी लोकप्रियता मे वृद्धि क्यो ना हो, क्योंकि बीते दिनों पहले मैने एक न्यूज मे पढा कि कैसे एक शख्स ने म्युचुअल फंड से 25.86% का रिटर्न पाया। यह तो केवल एक व्यक्ति है जो सामने आया। ऐसे ना जाने कितने लोग म्युचुअल फंड से रिटर् प्राप्त कर रहे होंगे। और यही से हमारा यह जानना और जरूरी हो जाता है कि आखिर यह म्युचुअल फंड है क्या ?


म्युचुअल फंड क्या है?(What is Mutual Fund)

म्युचुअल फंड एक तरह के निवेश का तरीका ही होता है। लेकिन इसमे हानि होने कि संभावना कम होती है। म्युचुअल फंड की शुरुआत सबसे पहले 1924 अमेरिका मे हुई थी। भारत मे म्युचुअल फंड की शुरुआत 1963 में युनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) द्वारा हुई, जिसका उद्देश्य था लोगो के पैसे को व्यवस्थित तरीके से पोर्टफोलियो मे निवेश किया जाए। 

असल में म्युचुअल फंड मे आपका पैसा अलग-अलग कंपनी में विभाजित करके लगाया जाता है। जिससे इसके हानि की संभावना कम हो जाती है और रिटर्न की संभावना बढ़ जाती है। और यह कारण है कि म्युचुअल फंड सही है जैसे टैग का इस्तेमाल किया जाता है। जिस तरह शेयर बाजार मे निवेश किया जाता है ठीक उसी प्रकार म्युचुअल फंड है अंतर इतना है कि शेयर बाजार में आप अपने बेस पर पैसा लगाते है। और म्युचुअल फंड में यह इसके जानकारो के द्वारा लगाया जाता है। 

इसमे आपके पैसे को विभिन्न कंपनीयो में विभाजित करके लगाया जाता है मान लिजिए आपने 10,000 रूपये किसी म्युचुअल फंड में निवेश किए जिसमे वह म्युचुअल फंड आपके पैसे को 10 भागों मे बांट कर अलग-अलग कंपनी में निवेश करेगा। अगर कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन नही भी करती है तो वह किसी दुसरी अच्छा करने वाली बेहतर कंपनी से संयोजित हो जाएगा जिससे आपके नुकसान की संभावना कम हो जाती है।

म्युचुअल फंड मे लाभ या हानि ?

देखिये म्युचुअल फंड भी एक निवेश ही है, जिसमे लाभ और हानि दोनो कि संभावना होती ही है।हाँ इस बात को नही नकारा जा सकता की यह सब विशेषज्ञों के द्वारा किया जाता है लेकिन फिर भी संभावना रहती है।

म्युचुअल फंड में निवेश करने पर आपको आपके मूलधन में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसकी कोई गारंटी नही है कि आपको हमेशा लाभ ही हो। जो कि केवल म्युचुअल फंड मे ही नही बल्कि हर निवेश में उठने वाला सवाल है। तो याद रहे म्युचुअल फंड मे लाभ और हानि दोनो हो सकती है। 

यूँ तो आपका पैसा विभिन्न कंपनीयो मे अलग अलग निवेश किया जाता है। जिससे नुकसान की संभावना कम हो जाती है। इसलिए कहीं सीधा निवेश करने से अच्छा म्युचुअल फंड में निवेश हो सकता है। यह एक सुरक्षित और बेहतर विकल्प हो सकता है

म्युचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Fund)

वैसे तो म्युचुअल फंड के बहुत से प्रकार होते है लेकिन आज के इस लेख मे हम कुछ चुनिन्दा के बारे मे ही जानेंगे। यह कुछ ऐसे प्रकार है जो अधिकतर उपयोग में लिए जाते है। म्युचुअल फंड के प्रकार जानना भी जरूरी हो जाता है क्योंकि जब आप कहीं पर अपना पैसा डालते है तो आपको उसके संदर्भ मे अच्छी जानकारी होनी चाहिये। तो यहाँ नीचे कुछ म्युचुअल फंड के प्रकार दिए गए हैं।
  • इक्विटी फंड (Equity Fund)
  • डेट फंड (Debt Fund)
  • हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund)
  • इंडेक्स फंड (Index Fund)
यह कुछ म्युचुअल फंड के प्रकार है। अब हम इनके बारे मे अच्छे से समझ लेते है। 

इक्विटी फंड (Equity Fund)

यह म्युचुअल फंड का प्रकार काफी लोकप्रिय है। तो इस फंड को जानने से पहले इक्विटी क्या होता है यह जानना भी जरूरी है। इक्विटी का अर्थ किसी कंपनी के शेयर ही होता है अर्थात जब किसी कंपनी के स्टाॅक को खरीदा जाता है, तो वह यही इक्विटी कहलाता है कि आपने उस कंपनी की इक्विटी खरीद है। तो इक्विटी को समझने के बाद इक्विटी फंड को समझना आसान हो गया है। इक्विटी फंड में स्टाॅक मार्केट की इक्विटी में निवेश किया जाता है।

इक्विटी में निवेश करते समय लार्ज कैप मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों का ध्यान रखा जाता है और इन्हीं के हिसाब से इक्विटी फंड में पैसा लगाया जाता है

डेब्ट फंड (Debt Fund)

डेब्ट फंड में आपका पैसा निश्चित आय वाले साधनों जैसे सरकारी बांड, डिबेंचर और मनी मार्केट, ट्रेजरी बिल आदि में निवेश किया जाता है। इसे डेट फंड या बांड फंड भी कहा जाता है डेट फंड मे निवेश करने से कम लागत, स्थिर मुनाफ़ा जैसे फायदे होते है। इसमे निवेशक इस लिए भी निवेश करते है क्योंकि इक्विटी फंड के मुकाबले इसमे जोखिम कम रहता है। नुकसान की संभावना कम रहती है। और इसके साथ ही डेट फंड के निवेशको को नियमित आय मिलती है। 

हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund)

हाइब्रिड फंड मे आपका पैसा सोना और रियल एस्टेट जैसे संपति मे निवेश किया जाता है या ऐसे भी कहा जा सकता है कि हाइब्रिड फंड से निवेश से आपको इक्विटी और डेट फंड दोनो मे निवेश करने का अवसर मिलता है। इसमे भी जोखिम कम होता है और मुनाफ़ा स्थिर।

इंडेक्स फंड (Index Fund)

इंडेक्स फंड में निवेश करने पर आपको किसी सामान्य बाजार या खास क्षेत्र में निवेश करने का मौका मिलता है इंडेक्स फंड में निवेश करने के लिए आपके पास फंड मैनेजर में चुनिंदा शेयर होते हैं। इसके लिए आपको बेसक शेयर बाजार की जानकारी ना हो। इसमे भी जोखिम व्यवस्थित होता है। 



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