राजस्थान के जैसलमेर मे 55वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई। जिसमें कई अहम फैसले लिए गए, बैठक खत्म होने के बाद वित मत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस की और बैठक मे क्या क्या हुआ इसके बारे मे बताया। इस बैठक मे कई अहम फैसले लिए गए हैं इस लेख मे हम उन्ही के बारे मे जानकारी हासिल करेगे। जानेंगे की देश मे क्या महंगा और क्या सस्ता हुआ।
![]() |
Source of image PBI |
55 वीं जीएसटी काउंसिल बैठक: दरअसल 21 दिसम्बर को राजस्थान के जैसलमेर मे जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई जिसमे कई अहम फैसले लिए गए, जिनके बारे मे बाद मे वित मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस मे बैठक के बारे मे बताया।
बता दे कि बैठक मे टर्म इंश्योरेंस, स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा पर टैक्स कम करने के प्रस्ताव को फिलहाल के लिए राज्यों के विरोध के कारण टाल दिया है। काउंसिल ने मंत्रियों को इसे लेकर और अध्ययन करने के लिए कहा है। वहीँ दुसरी और पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे मे लाने को लेकर भी राज्यों ने सहमति नही दी है।
पापकोर्न पर 5% या 12% जीएसटी
पापकोर्न पर जीएसटी बढाने को लेकर सोशल मीडिया पर मामला गरमाया सा लगता है। जी हाँ बैठक मे पापकोर्न पर जीएसटी को लेकर अहम फैसले लिए गए। इसपर तीन तरह के जीएसटी रेट को प्रस्तावित किया गया है। वो पापकोर्न जो साधारण नमक और मसालों से तैयार है और वह पैक नही है, ना ही अगर उस पर कोई लेबल लगा है। तो इसपर 5% जीएसटी लगेगा और वही अगर पापकोर्न पैक है उस पर एक लेबल भी लगा है तो उस पर जीएसटी बढकर 12% हो जाएगा। इसके अलावा कैरेमल पापकोर्न पर 18% जीएसटी लगेगा।
सेकेण्ड हैंड गाड़ियों पर फैसला
काउंसिल ने युजड कार पर जीएसटी को 12% से बढाकर 18% कर दिया है लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि अगर कोई आम आदमी अपनी गाडी बेचता है तो उसे पहले जितना टैक्स देना होता था उतना तो नही देना होगा। ये सिर्फ युजड गाडीयाँ बेचने वाली कंपनियों पर ही लगेगा, वो इसलिए क्योंकि बिजनेस के उदेश्य से गाडी बेचने वालो के लिए ही रेट बढाए गए है। इससे आम आदमी पर कुछ ज्यादा असर देखने को नही मिलेगा
2000₹ से कम के पैमेट पर जीएसटी नही देना।
अगर आप 2000₹ से कम पैमेट करते है तो आपको जीएसटी से छुट मिलेगी। बैठक मे इस पर यह फैसला लिया गया कि 2000₹ से कम के ट्रांजैक्शन को हैंडल करने वाले पैमेंट एग्रिगटरस को जीएसटी से राहत मिलेगी।
काउंसिल के अहम फैसले
- इसके अलावा काली मिर्च और किसमिस जब किसी किसान द्वारा इसकी आपूर्ति की जाएगी तो इसे भी जीएसटी से बाहर रखा जाएगा।
- ईकोमर्स कंपनी से खाना मँगवाने पर लगने वाले जीएसटी को कम करने के प्रस्ताव को फिलहाल के लिए टाल दिया है।
- किसी भी कंपनी से ईवी समेत कोई भी सेकेण्ड हैंड गाड़ियों बिकवाने पर अब 12% की जगह 18% टैक्स देना होगा
- टर्म इंश्योरेंस, जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर टैक्स कम करने के प्रस्ताव को टाल दिया है
- एटीफ को जीएसटी के दायरे मे लाने चाहती है केंद्र सरकार, दायरे मे आने से हवाई यात्रा सस्ती होगी।